ये जरुरतें नादान हैं,
कुछ समय की ही मेहमान हैं।
गिरगिट की तरह घटती-बढ़तीं,
सब इच्छाओं की खान हैं।
बेवजह पाल के वजह न बनाइये,
जिस पल आये,तुष्ट हो भगाइये।।

#जरुरत_क्या_है
#इच्छाधारी_नागिन
#सनातनी_जितेंद्र मन

ज़रूरतों को मत पालो,
जीवन को देखो भालो...
#ज़रूरतें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi

Hindi Thought by सनातनी_जितेंद्र मन : 111765882

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