तुम्हारा प्यार
गीली रेत पर लिखा नाम
लहर के एक झोंकें ने
मिटा दिया सब ,
साथ ही बह गए
प्रेम पत्र और डायरी के संकड़ो पन्ने
जो सबुत थे तुम्हारे प्यार के।
सागर के किनारे उठती
ऊँची ऊँची लहरों के
शोर में गुम हो गए तुम्हारे
वो प्यारे अल्फ़ाज़
जो कभी हमारे प्यार के साक्षी थे
चाँद- तारे भी अब नही देते
गवाही तुम्हारे प्यार की।
सुकून देने वाली हवाओं ने
अपना रुख बदल लिया है।
सुबह होते ही भेद तुम्हारे
सब खुल जाने हैं।
सूर्य के तेज में सब छिप जाने हैं।
बताओं तुम फिर कैसे साबित करोगें
अपनी मोहब्बत।
हम फिर से बिछड़ जाने वाले हैं।

-prema

English Poem by prema : 111764416
shekhar kharadi Idriya 2 years ago

अत्यंत हृदय स्पर्शित भावनाएं

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now