"लकीर"
ये कसमे, ये वादे, ये रिश्ते, ये नाते,
मेहफूज करू दिलो से तो,
छुट जाते है। रिश्ते नाते!
किस्मत की लकीर कोन बनाता है?
येहा तो खाली पडी है।
मेरी किस्मत की लकीरे।।
"वैसे तो,
"मेरी "
किस्मत की लकीरे,
हाथ को छुकर चली जाती है।
मगर मेरी जिंदगी के,
उसूलो पे चलने की आदत से,
किस्मत "स्वयमभु" बदल जाती है।
अश्विन राठोड (स्वयमभु)