कहि तो कहि ख़यालो में डूबी है,
पैर फिसल गया फ़िरभी चोट कई और लगी है,

तू थाम कर दिल और एक बार उसे पुकार ले,
लगता है कहि डूब कर जिंदगी बेरुखी सी हो चुकी है।

DEAR ZINDAGI 👍

Hindi Shayri by Dear Zindagi : 111762899

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