आशा
दुनियाँ में ऐसा कोई नही
जिसे चिंता ना हो
ऐसी कोई चिंता नही
जिसका निवारण ना हो।
चिंता एक निराशा है
और उसके निवारण
का प्रयास आशा है
आशा है सुख
और निराशा है कष्ट
जीवन है
आशा और निराशा के बीच
झूलता हुआ पेण्डुलम।
आशा से भरा जीवन सुख है
निराशा के निवारण का प्रयास ही
जीवन संघर्ष है।
जो है इसमें सफल
वह है सुखी और संपन्न।
असफलता है
दुख और निराशा से
जीवन का अंत।
यही है जीवन का नियम
यही है जीवन का क्रम।