मैं और मेरे अह्सास
आंखों से अश्क छलक रहे हैं l
बातों से शब्द छलक रहे हैं ll
रूहों से जुड़ी हुई दोस्ती की l
यादों से अश्क छलक रहे हैं l
बे पनाह मुहब्बत मे किये l
वादों से शब्द छलक रहे हैं ll
भीगी भीगी चाँदनी बरसाती l
रातों से अश्क छलक रहे हैं ll
पिया विरह की तपिश की l
आहों से शब्द छलक रहे हैं ll
दर्शिता