प्यार दो लोग करते है और शादी हमेशा साथ ओर समाज मे वेलीदेशन के लिए करते हे पर शादी तो दो परिवार का मेल है ! और
‘शादी = घर की इज्जत’
ये थियरी पायथागोरस को भी समज मे नही आती मतलब केसे घर की इज्जत को केसे आप शादी से जोड़ सकते हो और शादी मे भले प्यार हो या न हो पर बाकी सब हो न जरूरी है!

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