भारतीय संस्कृति

समझना भारतीय संस्कृति
अनुपम है प्रकृति की कलाकृति!
यहाँ की रही है वन-संस्कृति
ईश्वर की है अनूठी सत्याकृति
समाज के मूल आधार हैं ऋषि,
और जीविका के लिए है कृषि!
कण-कण में बसते हैं संत-भगवंत
सर्वदा रहता है यहाँ युवा-वसंत
निर्दोष एवम् स्वभाविक ग्राम्य-जीवन
ईश्वर भी जीते हैं यहाँ लोक-जीवन
आध्यात्मिक मूल्यों का अनुसरण
खग-मृग के साथ करते जन साधारण
लोक-संस्कृति रही है आत्म-निर्भर जीवन
जप-तप से करते धरा का संकट निवारण
होकर प्राकृतिक-नैसर्गिक जीवन अभ्यासी
यहाँ अवतरित होने देवों की चक्षु रहती प्यासी

Hindi Poem by Anand M Mishra : 111758843

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