की वो शीशे के रूप में अपने नेक होने के सबूत का सहारा दे आया,
जनाब बात तो तब बिगडी
जब वो शीशा भी बिखरकर बोल उठा
की कमबख्त अब कौनसा नया चेहरा ले आया।।

-श्रुति शर्मा

English Shayri by Shruti Sharma : 111758803

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