तुम्हारा यादो को कैसे भुलाउ  ?


नींद आती नहीं
तुम्हारी याद जाती नहीं

मंत्र पढ़ु या
कोई बाबा के पास जाउ!

मंदिर जाए या
मस्जिद होकर आउ?

पुरे दिन भटकती हु खुद  में
इधर-उधर हर एक  पल -पल,

पर रात को तुम्हारी यादों से
हटकर फिर भी ना सो पाउ'

दिल में छुपी जज्बातों को
किसे जाकर बताउ,

गुजरे हुए लम्हे को कैसे भुलाउ
गीता पढु या कुरान को पढ जाउ

बोलो न
तुम्हारी यादों को कैसे मिटाउ!!

-Maya

Hindi Poem by Maya : 111758763

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