ये वक़्त वक़्त का ही खेल होगा,
कभी ज़ोपडी तो कभी महेल होगा...
Raahi
हर हालत क़दमों पे आ गिरेंगे,
हमारे हर कर्मों का ऐसे ही मेल होगा...

- परमार रोहिणी " राही "

Hindi Shayri by Rohiniba Raahi : 111758726

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