चमकती पूनम की हो रात 
और आवारा सा चाँद जब हो साथ
मेरे नैनों की भाषा पढ़ने को...
काश तुम आ जाओ !

बिखरे जब दूधिया सी चाँदनी
छेडे़ जैसे कोई मधुर रागिनी...
प्रेम की मीठी धुन सुनाने को
काश तुम आ जाओ !

शीतल सी हो मंद बयार
और संग हो जुगनुओं की बारात 
मुझे हौले से बहकाने को....
काश तुम आ जाओ !

घास के रेशमी ग़लीचों पर
जब झिलमिलायें शबनम की बूँदें
उन पर उम्र भर साथ चलने को...
काश तुम आ जाओ !

फूले जब चमेली और रात की रानी,
और महका दें सारी कायनात...
उस ख़ुशबू में साथ बहकने को...
काश तुम आ जाओ !

जब मन में हो प्रेम का सैलाब
और मचलते हों ढेरों जज़्बात...
मेरे दिल की धड़कनें सुनने को
काश तुम आ जाओ !

सच हों सारे सतरंगी ख़्वाब 
जिन्दगी में रोशन हों आफ़ताब 
ग़र मिलन की चंद घड़ियाँ संग बिताने को...
बस तुम आ जाओ !!

Hindi Poem by Niya : 111758420

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