मनुष्य तुम महान हैं, महान हैं,
तुम मनु की सन्तान है,
तुम अमृत की संतान हैं,
तुम्हें अपने आप पर
गौरव होना चाहिए,
मनुष्य तुम महान हैं, महान हैं।
तुमने वेदों को रचाई,
रामायण गीता को भी गाई,
तुम ने भारतीय संस्कृति की
गाथाएं जन-जन पहुंचाई,
मनुष्य तुम महान हैं, महान हैं।
तुझमें हिम्मत, तुझमें साहस,
तुम मानवता की चलती-फिरती
मिशाल हों, तुझमें राम-मुझमें
राम,हर आत्ममें राम बसा है,
क्यों जांएं हम काबा-काशी ?जब घटघटबिराजेअनंत-अविनाशी,
मनुष्य तुम महान हैं, महान हैं।
तुम कश्मीर से कन्याकुमारी तक,
तुम राजाओं से रंक तक,"गीता"
तुम नचिकेता से यमराज तक,
तुम अनसूया से अहिल्या तक,
भारत के कण कण पांडुरंगा हैं,
मनुष्य तुम महान हैं, महान हैं,
स्वरचित-डो.दमयंती भट्ट।।
✍️...© drdhbhatt...

Hindi Blog by Dr. Damyanti H. Bhatt : 111758144
shekhar kharadi Idriya 2 years ago

अति सुन्दर प्रस्तुति

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now