अधूरी कहानियों के अधूरे किस्से
कुछ खुशियां, अधिक गम
ही आये
हमारे हिस्से।

-नन्दलाल सुथार "राही"

Hindi Shayri by नन्दलाल सुथार राही : 111758108

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now