सभी प्रबुद्ध साहित्यकारों के सामने प्रदत्त पाँच शब्दों पर दोहे समीक्षा हेतु सादर प्रस्तुत हैं, 🙏🙏🙏

दशहरा, सत्य, नवरात्रि, शरद, गरबा।

1 दशहरा
महल दशानन का ढहा, वनवासी की जीत।
पर्व दशहरा ने रचा, खुशियों के नव गीत ।।

2 सत्य
विजय सत्य की हो गई, जीत गए प्रभु राम।
लंकापति के हार से, उस पर लगा विराम।।

3 नवरात्रि
सजा हुआ नवरात्रि पर , माता का दरबार।
धूप दीप नैवेद्य से, सब करते मनुहार।।

4 शरद
हुआ शरद ऋतु आगमन, मौसम बदले रंग ।
धूप सुहानी अब लगे, ओढ़ रजाई संग।।

5 गरबा
गुजराती गरबा हुआ, जग में यह विख्यात।
माँ दुर्गा की भक्ति में, जन मानस दिन रात।।

मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111756853

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