सिर्फ जीवन के साथ कि आस टूटी है ,
प्यार और विश्वास नहीं ।
हा रास्तो पे नज़रे अनजाने चेहरो मे ढूंढे तुझे,
वो चेहरा जिसे नाम से जोड़ना था दिख जाए बस आखरी बार,

भीड़ मे टकरा जाए वो तेरा छूअन फिर से मिल जाए एक बार ।

हा आज भी तकिये को कस के गले लगाती हूँ,
तुझे कल्पनाओ मे रख के सो जाती हूँ ,
तू और तेरे ख्याल हर जगह साथ होते है मेरे,
संग संग ऐसे जैसे तू साथ चलें मेरे।
इश्क़ है जनाब कोई नादानी या गलती नहीं ,
खैर छोड़ए आप समझेंगे नहीं ।

यायावरगी

Hindi Blog by Yayawargi (Divangi Joshi) : 111756540

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