कितना कुछ कहना चाहता हु तुम्हे,
तुम्हारे पीछे पागल होना गुस्ताखी तो नही।
पास रहना चाहता हु तुम्हारे,
तुम्हे अपना कहना बत्तमीझी तो नहीं।
प्यार नहीं है, यह कहकर चले जाते हो तुम,
एक तरफ़ा प्यार में ही राते गुज़रना बेईमानी तो नही।
हमने कब कहा हमसे प्यार करो,
पर हम आप पर ना मरे
यह बताने का हक़
हमने कभी आपको दिया ही नही।
-R.J. Artan