"जिन्दगी के झंझावतों के भंवर में फँसकर, जब मन भारी होने लगे ना,,
तब जी भरकर रो लेना चाहिए ।
माना कि सब सही नहीं होता यूँ रोने से, पर आँसुओ के बह जाने के बाद, तकलीफ़ों से लड़ने की हिम्मत जरूर आ जाती है!!"

-Khushboo Bhardwaj RANU

Hindi Thought by Khushboo Bhardwaj RANU : 111755814
Khushboo Bhardwaj RANU 3 years ago

हाँ,,,सच में काम करता है ये तरीका 😊😊

A.P 3 years ago

सही कहा अपने दी ,,कभी कभी जब मन में घुटन जायदा हो तो घुटन को दूर करने का एक अच्छा स्रोत आंसू भी बन जाता है।

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