My Meaningful Poem...!!
नफरतो के शहर में
चालाकीयो के ढेरे है
तेरे सामने तो तेरे है
मेरे सामने वही मेरे है
होददे इमान से बङे है
फायदे भी इमान से बङे है
खुद-गर्जी से रिश्ते छोटे है
तो अपनो से सब मुह फेरे है
जूठ आज सच पर भारी है
पर सच की अपनी बलिहारी है
कर्म के गुमान में सिरफिरे बने है
प्रभुसत्ता के आगे भी स्वार्थो-से बने है
-Rooh The Spiritual Power