My Motherhood Poem...!!
सन्नाटा छा गया मिलकत
बंटवारे के किस्से में
जब माॅ ने पूछा बच्चो से
मैं हूँ किसके हिस्से में
था सवाल माॅ का तो छोटा
पर जवाब गूजें बच्चो में
लालच थी,प्यार दोलत से
पर चाहिए न किस्तो में
है सच्ची दोलत ममता की
पर स्वार्थ था रिश्तो में
सब की नियत में थी खौट
जानती थी माॅ भी मन में
इम्तिहान की थी घङी प्रभूजी
भी थे सामिल तफ्तीश में
थी दिवारो-औ-दर की परवाह
पर जनेता ही थी प्रतीक्षा में
गजब का रचनाकार है प्रभुजी
भी शाख ही रखता ताख में
-Rooh The Spiritual Power