5 दोहे

1 क्वाँर
क्वाँर माह नवरात्रि को, नव दुर्गा का रूप।
शक्ति रूप आराधना, जप-तप करें अनूप।।
2 कार्तिक
कार्तिक में दीपावली,धन-लक्ष्मी का वास।
गहराया तम दूर हो, नव जीवन की आस।।
3अगहन
अगहन मासी शरद ऋतु, देती यह संदेश।
मौसम ने ली करवटें, कट जाएँगें क्लेश।।
4 मुकुल
मुकुल खिलें जब बाग में,अधरों पर मुस्कान।
भौरों के संगीत ने, छेड़ी मधुरिम तान।।
5 मंजुल
मंजुल छवि श्री राम की, मंदिर की है शान।
नगर अयोध्या सज रहा, करें सभी गुणगान।।

मनोज कुमार शुक्ल " मनोज "
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Hindi Poem by Manoj kumar shukla : 111754463

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