उद्यान के हर फूल की किस्मत में,
वसंत हो ,यह जरूरी तो नहीं।
हर इंसान के भाग्य मैं,
किसी का प्यार हो
यह जरूरी तो नहीं।। 1 ।।
फूल के अस्तित्व के खातिर
कांटे चुभन देकर, बुराई मोल लेते हैं ।
पर फूल भी इन कांटों के
इस त्याग को समझे,
यह जरूरी तो नहीं।। 2।।
सच्चे प्रेमी अपने प्यार की खातिर,
खुद को ही मिटा लेते हैं ।
पर वह प्यार भी उस बलिदान को समझें
यह जरूरी तो नहीं।। 3।।
दीपको के जलने से,
दिवाली जगमगाती है
पर दीपक भी बाती के
इस प्राणोत्सर्ग को समझे
यह जरूरी तो नहीं ।। 4।।
विधाता की इस दुनिया में
सुख- दुख का बंटवारा है।
सुख-दुख के इस बाटे मैं
हर एक को सुख ही मिले।
यह जरूरी तो नहीं ।। 5।।
इति