मौसम अधूरा इश्क़ का जो पहले से सर था।
क्या करे वो ऐसे जो सामने आ गए बरसो बाद।
अब और भी गहरा हो गया, जो सीने में दर्द था।।

Hindi Shayri by Rupal Patel : 111751500

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