मिल जाएं कभी जो हम किसी मोड़ पर,
क्या फेर लोगे नज़रें तुम मुझे देखकर..
रिश्तों की दूरियों से जब रास्ते बदल दोगे,
जब भूलकर हमें तुम अपनी आदते बदल दोगे,
किसी रोज़ आईने में देखकर खुद को,
यूँही नज़रें मिलाकर क्या कह पाओगे खुद से?
झूठा ही सही पर..."हां प्यार था तुमसे"...

-Sarita Sharma

Hindi Shayri by Sarita Sharma : 111751182

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