जिसकी है तलाश एक दिन वो मंज़र भी पाऊँगी,
सबको याद रहे मेरा नाम खुद को इस काबिल मैं बनाऊंगी,
जीतेजी तो हर कोई मर सकता है साहब,
मगर
मैं तो मरने के बाद भी जीना चाहूँगी।।

-श्रुति शर्मा

Hindi Poem by Shruti Sharma : 111750747

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