विरह की काली रातों के रंग से काजल बना, काजल मिल गया अँसुअन मेंं तो,
काला बादल बना...,
इस बादल ने आग लगाई...,
काली घटा छाई.., प्रेम ऋतु आई....,

लता जी,मो.रफी जी,आनंद बक़्शी साहब,लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल जी,
काली घटा

-Pranjal Shrivastava

Hindi Song by Pranjal Shrivastava : 111750510

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