अमृत की वर्षा से भर गया संसार
धरा के कण कण पर किरणें बरसा रहीं हैं प्यार.. उषा-निशा सहोदरा है, बस रंगों का है व्यवहार
जाग उठो अब धरतीवासी,सविता बुला रही इसपार

---डॉरीनाअनामिका

-डॉ अनामिका

Hindi Poem by डॉ अनामिका : 111740453

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