क्या करें इस घुट घुट के जी रहे मनका बतलाओ.....
बहने दिया जाए आंसू के जरिए ? या कागज पर उतारा जाए कलम के जरिए .....?
यह आंसू है जनाब ;
इन्हें न मर्द का न औरत का इन्हें गम में गुमशुदा इंसान का रहने !
दो ये आंसू है जनाब इन्हें बहने दो।।
- हेतार्थ



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