वो तो अपना दर्द रो-रो कर सुनाते रहे,
हमारी तन्हाइयों से तो आँख चुराते रहे,
हमें ही मिला खिताब-ए-बेवफा क्योंकि,
हम हर दर्द को मुस्कुरा कर छुपाते रहे...

-SMChauhan

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