दोस्ती के दरवाज़े, लाख बंद कर तू मैं
“हवा”
के झोंके सी हूँ, दरारों से भी आ जाऊँगा़ी...
रिश्ता मुहब्बत का नही
कुछ दोस्ती 
में ही मुहब्बत है बहुत

-Zainab

Hindi Whatsapp-Status by Zainab Makda : 111739369
man patel 3 years ago

Wah...very nice....amazing

Abbas khan 3 years ago

क्या बात है।,,👌👌 ना खोल मेरे मकान के उदास दरवाज़े, हवा का शोर मेरी उलझने बढ़ा देते है।

Zainab Makda 3 years ago

वाह 👌 मैं अकेली उसे पुकारती थी अब हवा भी उसे पुकारती है...

Abbas khan 3 years ago

वाह,,,,✍ अल्फ़ाज कहाँ से लाऊं तेरी बंदगी के मैं महसुस होकर बिछड़ जाते हो बिल्कुल हवा की तरह।

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