क्यूँ ख़ामोशियाँ सी पसरी हैं ,
इस किनारे से उस किनारे तक ,
गर ग़म में डूबे हो तो ,
सीने से लगाकर ,
हर ग़म को छुपा लूँ ,
अपने सीने में , मगर ,
गर भुला के मुझे खुश हो तो ,
तो तुम्हारी खुशियों को ,
दुआ दे दूं उम्र भर के लिए ।।

Hindi Poem by Shobhna Goyal : 111738826

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