काश फुरसत में उन्हें
भी ये ख्याल आ जाये,
की
कोई याद करता है
उन्हें ज़िंदगी समज कर...

-Zainab

Hindi Blog by Zainab Makda : 111738739
Zainab Makda 3 years ago

वाह क्या बात कहीं...

Abbas khan 3 years ago

👍👍 जिन्दगी मुझे सम्भाल ले क्योंकि अभी मैं नादान हूं, किस तरह से पहचान लेते हैं लोग चेहरे से, अभी मैं उससे अंजान हूं।...

Zainab Makda 3 years ago

हम्म सही कहा... देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से, चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से.... जो पढ़ा है उसे जीना ही नहीं है मुमकिन, ज़िंदगी को मैं किताबों से अलग रखती हूँ....

Abbas khan 3 years ago

बहोत खूब।,,,✍ लम्हों की खुली किताब हैं ज़िन्दगी, ख्यालों और सांसों का हिसाब हैं ज़िन्दगी, कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी, इन्ही सवालों के जवाब हैं ज़िन्दगी।...

Zainab Makda 3 years ago

वह सही कहा आपने अब्ब्बासभाई 👌 एक साँस सबके हिस्से से हर पल घट जाती है कोई जी लेता है ज़िंदगी... तो किसी की कट जाती है ज़िंदगी...

Abbas khan 3 years ago

वाह 👍 प्यार में किसी को खोना भी ज़िन्दगी हैं, ज़िन्दगी में गमो का होना भी ज़िन्दगी है. यूँ तो रहती हैं होठों पर मुस्कराहट, पर चुपके से किसी के लिए रोना भी ज़िन्दगी है।

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