🙏प्रेमवाणी👉
बन्धनानि खलु सन्ति बहूनि
प्रेमरज्जुकृतबन्धनमन्यत्।
दारुभेदनिपुणोऽपि षडङ्घ्रि-
र्निष्क्रियो भवति पङ्कजकोशे।।
अर्थात्👉
_दुनिया में बाँधने के ऐसे अनेक तरीके हैं जिनसे व्यक्ति को प्रभाव में लाया जा सकता है और नियंत्रित किया जा सकता है। सबसे मजबूत बंधन प्रेम का है, इसका उदाहरण वह भँवरा है जो लकड़ी को भी छेद सकता है लेकिन फूल की कमलकोष में बंद हो जाने पर उसकी पंखुडियों को छेदना पसंद नहीं करता चाहे उसमें बंद रहते उसकी जान ही चली जाए।_🌹
-इस जग सबसों अधिक है, प्रीती बन्धन ख्यात।
लकड़ी को काटत भ्रमर, कटत न पंकज पात।।