अपना जिसको समझा है,
वह न जाने क्यों मौन है।
अपना कहलाने वालों की भीड़ में,
सचमुच अपना कौन है।।

-राज कुमार कांदु

Hindi Shayri by राज कुमार कांदु : 111738318

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