हमे देखकर उन्होने ना जाने क्यूँ दरवाजा बंद कर दिया
आगे चलते-चलते मुड के देखा तो
ओ हमे खिडकी से छुपके-छुपके झांकते हुये नजर आये
-SandipkumaR

Hindi Shayri by संदिप खुरुद : 111738310

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now