भावना की चाह पर,
चलता हर राह है।
रही भावना अटल सदा,
मन की किसे? परवाह है।

-सनातनी_जितेंद्र मन

Hindi Sorry by सनातनी_जितेंद्र मन : 111738079

The best sellers write on Matrubharti, do you?

Start Writing Now