30/07/2021,
विषय-अश्रु,
!!! हे अश्रु !!!
आप ईश्वर का बड़ा वरदान हो,
आप हर समय मेरा साथ देते हो,
मेरे ग़म में मेरा साथ देकर,
मेरे दिल का बोझ हलका करते हो,
मेरी खुशी में मेरी आंखों में बसकर
खुशी के मोती लूंटाते हो,
हर कोई के विरह में भी
आप साथ रहते हो इसीलिए तो
इन्सान अश्रु बहाकर अपना
जीवन आसान बनाता है,
और इन्सान ही नहीं,कई बार
मैंने भगवान को भी आंसु बहाते देखा है
, सीता के विरह पर रोएं थे,
श्री मर्यादा पुरुषोत्तम राम,
मेघनाद की मृत्यु पर आंसु बहाये थे,
लंकापति श्री दशानन ने,
स्वयं परब्रह्म पुरूषोत्तम ने
आंखें भिगोई थी, माता यशोदा जी की
और गोकुल की यादों में।
हर शोक में, आनंद की अनुभूति में
आंसुओं की प्रस्तुति ज़रूर होती हैं,
इसीलिए,अश्रुओंका मनाओ शुक्रिया।
स्वरचित डॉ दमयंती भट्ट।
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