#ग़ज़ल
आग लगा कर जायेगी
वज़्न:- 2222 21122 222

मेरी कविता, कैसे उनको भायेगी।
दिल टूटा है, आग लगाकर जायेगी ।।

मरहम उनके दर्द का, केवल इतना है।
मतवाली ही, प्यास बुझा कर जायेगी।।

कहता हूँ फिर भी, छोड़ो रोना धोना।
सूखा है, कल फिर हरियाली आयेगी।।

क़समें, रश्में, रीत, रिवाजें, छोड़ो भी।
उल्फ़त की बस, प्रीत निभाई जायेगी।।

शायर दिल का, मज़हब कोई क्या जाने।
तोहमत उस पर, रोज लगाई जायेगी।।

-Panna

Hindi Poem by Lakshmi Narayan Panna : 111734957

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