ऐ दिल नाहक़ रंज न कर तू कट ही जायेगी तन्हाई
उन की यादों की महफ़िल हो तो फिर काहे की तन्हाई
सुरेश चन्द्र शौक़

Hindi Shayri by Rakesh Thakkar : 111734319

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