मैंने पलाश की एक डाली हिलाई
और झर गया मेरी गोदी में
अथाह सौंदर्य!
तुम मर मिटे...पुरुष हो!
मैं चुपचाप निखरती रही
सुगंध तलाशती रही
स्त्री हूँ न!
#इला_प्रसाद

Hindi Poem by Astha S D : 111731928

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