अभी भी इतना काबिल हूं
की तुझमें थोड़ा सा शामिल हूं

निकाल भी दोगे गर जर्रा जर्रा मेरा
तो भी खुशी होगी मुझको इसकी
की तुझसे बिछड़ कर भी
किसी को ना हासिल हूं मै

करके टुकड़े जो दोगे छोड़
फैल जाऊंगा आसमां में
और आसमां से जमीं तक
पहुचुंगा इस कदर...
जैसे तेरे कारवां का हिस्सा हूं मै

साथ तेरा ना पा सका
तो कोई गम नही
हौसला मेरा यह है
कि तुझे अब भी याद हूं मै

तुझे भुलाने की नही करता
अब मैं कोई कोशिश,
क्योंकी तेरी बातों को याद करके
कहता है दिल मेरा -
फौलाद हूं , फौलाद हूं...
फ़ौलाद हूं मै

#षणानन

Hindi Shayri by Abhinav Bajpai : 111728881

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