बिखर जाऊ इससे पहेले
खुदको समेटना चाहती हूं।
निखर जाऊ इसी लिए बस
खुदमें ही ढलना चाहती हूं।।
दुसरो के लिए खुदसे पहेले
सोचना गलत नही है मेरा,
इन सब में
खुद को ही ना पहचान पाउ,
बस इसी डर से
थोड़ा सँभलना चाहती हूं।।

-Priyanka Patel

Hindi Thought by Priyanka Patel : 111728799

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