दोस्त एक ही रखा मैंने कोई दूसरा और बनाया नहीं...!
कई तो बनाते हैं बहुत पर मैंने उसे कभी भुलाया नहीं..!!
हर रात जला हूं यादों में उसकी आंखों को कभी सुलाया नहीं..!
जलता रहा जो फ़िक्र में उसकी कभी और चराग जलाया नहीं...!!

-Deepak Bundela AryMoulik

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