संसार जरूरत के नियम पर चलता है,
सर्दियों में जिस सूरज का इंतज़ार होता है,
उसी सूरज का गर्मियों में तिरस्कार होता है,
अतः आपकी क़ीमत तब होगी,
जब आपकी ज़रूरत होगी।
सुप्रभात

-Sneh Goswami

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