मेरे रंगीन किस्सों को सुन परेशान हो जाता है ,
वो शख्स इतना चाहता है उदास हो जाता है ,
ख़ुद को तैयार करता है इस ज़माने के लिए ,
चलता है मीलों उम्मीद लेके हतास हो जाता है ,

ज़माने भर से मुझे बचाने की बात करता है वो ,
मुश्किलों में कदम मिलाकर साथ चलता है वो ,
यूं तो उम्र के जजुर्बे कम हैं या कहूं तजुर्बा नहीं ,
कई दफा कठनाइयों में गिरकर संभलता है वो ,

Hindi Shayri by Poetry Of SJT : 111726697

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