My Wonderful Poem...!!!
मेरे लफ़्ज़ों की कारीगरी थी
जो हर बात कह गया हूँ मैं...
वरना यह कौन जानता है कि
कितना कुछ सह गया हूँ मैं..
हालात-ओ-वाक्यात सबके
लफ़्ज़ों से बयान कर गया हूँ में...
बातों-बातों में ही कितने दिलों
की दर्द-भरी बातें कह गया हूँ में..
हल्के फूलके लहजे में ही सही
संगीन ग़मों को फ़िरो दिया हूँ में..
बंदगी तो जानता नही पर रब से
सब को वाबसता कर दिया हूँ में ..
इन्तज़ार मेरी ग़ज़लों-शायरी का
करने पे आमादा लोगोंको करता हूँ में..
हुनर-ओ-फ़न तो जानता नही पर
प्रभु से मिलन करने पे मजबूर करता...!
✍️🥀🌹🌹✅🙏✅🌹🌹🥀✍️