हमसे परेशान हुए तो हमें बताना था ना
हमसे यु मन की बात छुपाकर घुम रहे हों
मैं इतनी नासमझ भी नहीं हुं की
किसी की तकलीफ़ ना समझ सकु,

हमें झुठ की बजाय सच कहना था ना
हमसे यु चोरों की तरह छुपकर घुम रहे हों
मैं इतनी नासमझ भी नहीं हुं की
किसी की चोरी व झुठ ना पकड़ सकु।
Priyanka

Hindi Shayri by Priyanka Jangir : 111719144

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