""इस बार आ सरहद से घर,, तेरा सेहरा सजा रही हूँ,,,
हर बार मेरा इन्तजार बेकार हो जाता है,,,

अरे ,बहना,, ये जो हमारे कंधे पर रह्ती है साथ ,हर पल हर घड़ी ,,,, इसी से तो हमें बेपनाह प्यार हो जाता है,,,
और,,, माँ ,,
तू तो जानती ही है,, एक से ज्यादा से दिल लगाना,,, गुनाह बेशुमार हो जाता है।🤗🤗🤗

-Khushboo bhardwaj "ranu"

Hindi Thought by Khushboo Bhardwaj RANU : 111718311

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