जब कभी कुछ समझ ना आए,
जब जज्बातों पर हालात हावी हो जाए,,,
गलत ना होकर भी खुद को सही साबित करने की नौबत आ जाए,,,
तब जरूरत ही नहीं क्षमा याचना की,,,
सिर्फ अपने व्यक्तित्व के अस्तित्व को अडिग रखना चाहिए ,,,
और ये तो सुना ही होगा,,,,,
कि जहाँ मिले सम्मान नहीं,
वहाँ से त्वरित शांति पूर्वक प्रस्थान करना चाहिए !!!
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-Khushboo bhardwaj "ranu",