तुझको चाहा तो क्या खता की हमने,
एक तेरे लिए दुनिया भुला दी हमने,
तू फिर भी रखता है शिकायत हमसे,
सजदों में तुझे पाने की दुआ की हमने,
जब से मिला तेरा साथ हमें ऐ सनम,
तब से अपनी हर तमन्ना मिटा दी हमने,
एक आदत सी हो गयी तुझे याद करने की,
तेरे लिए अपनी हस्ती तक मिटा दी हमने